कुमार गौरव
बांदा। जिले में करीब दर्जनभर से अधिक बालू खदानें अवैध खनन की पेंगें मार रही हैं। जिम्मेदार अफसर सूरदास की भूमिका में हैं ? इसी क्रम में बदौसा क्षेत्र में संचालित बागै नदी की भदावल बालू खदान अवैध खनन का लगातार सिर्मोर्य सा बनता जा रहा है! प्रशासन रहस्यमयी खामोशी धारण किये सूरदास की सी भूमिका में है आखिर क्यों? यह बड़ा सवाल बन गया है!

भदावल खदान में त्रिपाठी कांस्ट्रक्शन की मनमानी के आगे “कानून नतमस्तक की स्थिति” में है? संचालक की “बेखोफिइयत का आलम” यह है की बालू खदान के लिए निर्धारित पट्टा क्षेत्र से बाहर पड़ोसी जिले चित्रकूट की सीमा में भी उतरकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। मंडलायुक्त तक अवैध खनन की शिकायत पहुंची पर परिणाम “ढाक के तीन पात” की कहानी चरितार्थ कर रहा है!

बांदा-चित्रकूट की सीमा से बहने वाली बागेन नदी में भदावल बालू खदान गाटा संख्या 1169, 1858/3, 1133/4, 1161/3 और 1949 में स्वीकृत की गई है। लेकिन खदान संचालक त्रिपाठी कांस्ट्रक्शन के शिवचंद्र त्रिपाठी अपनी कथित “प्रशासनिक पहुंच”के दम पर नदी के दूसरे छोर पर पड़ने वाले पहड़िया बुजुर्ग सानी के गाटा संख्या 1133 के खंड संख्या 1133/3, 1133/2, और 1133/1 में धड़ल्ले से अवैध खनन करा रहा है! इतना ही नहीं यहां पंप कैनाल के आसपास भी बालू माफिया की भारी भरकम मशीनें खनन उसे नुकसान पहुंच रहा है। जलधारा भी हट रही है। प्रतिबंधित मशीनों बेखौफ जलधारा का सीना चीर बालू निकाल रही हैं। असलहों के साये में चारों ओर से माफिया नें अपने को सुरक्षित कर विरोध दबाने के लिये “भय का साम्राज्य” कायम कर दिया है!जागो प्रशासन जागो!












